जीवन में अच्छी शुरुआत कभी भी किसी भी उम्र में की जा सकती है। उसके लिए एक मोड़ का आ जाना, जो हमें ट्रिगर कर दे या जिंदगी किसी ऐसे से मिलवा दे जो हमारी छुपी प्रतिभा को निखारने में मील का पत्थर साबित हो, यह एक संयोग ही होता है। मैं यात्राएं बहुत करती हूं कभी ऑफिशियल और कभी पर्सनल। इन्हीं यात्राओं में एक ऐसी यात्रा है जो स्मरणीय है मेरे लिए और इस यात्रा में जो मुझे मिला उनके लिए मोटिवेशनल थी, ऐसा वह मुझे आज भी बोलती है।
यह यात्रा 2016 की रही होगी। मुझे अपने कार्यालय की ओर से एक प्रेजेंटेशन हेतु लखनऊ जाना था। प्रेजेंटेशन पंचायती राज निदेशालय लखनऊ में था। खैर! प्रजेंटेशन अच्छा रहा। मुझे शाम को लौटाना था। रात को 1:00 बजे की ट्रेन हावड़ा एक्सप्रेस। जो हावड़ा पश्चिम बंगाल से चलकर 1:00 बजे लखनऊ चारबाग स्टेशन में पहुंचती थी और सुबह 9:30 तक हल्द्वानी। ट्रेन काफी लेट थी।
जैसे ही ट्रेन पहुंची सभी यात्रियों ने तुरंत ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ लगाई। मैं भी ट्रेन में चढ़ी और अपनी सीट ली। ट्रेन लेट थी और नींद का खुमार था इसलिए अपनी सीट ली और चादर बिछाने लगी। क्योंकि टिकट तत्काल में ली थी, साइड की ऊपर वाली बर्थ मिली। तभी एक सम्भ्रांत महिला मेरी वाली बोगी में चढ़ी। मुस्कुराकर उन्होंने बोला, “आपकी चादर काफी नीचे आ रही है।” उनकी बर्थ नीचे वाली थी। उनकी मुस्कुराहट में कुछ ऐसा आकर्षण था जो सबसे अलग था। मैंने मुस्कुरा कर उनका धन्यवाद अदा किया है और चादर समेटी। रात अधिक होने के कारण तुरंत नींद आ गई।
सुबह 7:00 बजे नींद खुली तो काफी उजाला हो गया था। ट्रेन और भी विलंब से चल रही थी। मैं साइड की बर्थ छोड़कर सामने की बर्थ में आ गई। वह महिला भी उठ चुकी थी और उन्होंने उसी आकर्षक मुस्कुराहट के साथ मेरा स्वागत किया। बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि उनका नाम विनीत मिश्रा है और वह लखनऊ की रहने वाली हैं। उनके पति स्वास्थ्य विभाग में सीएमओ के पद से रिटायर हुए हैं। वह किसी एनजीओ के फंक्शन में रानीखेत जा रही थी। जो उनकी बेटी की दोस्त की थी। उनकी बेटी तब पैरिस में थी। मैंने भी अपना परिचय दिया कि मैं गीता कांडपाल हूं और उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल में संकाय के पद पर हूं। एक प्रेजेंटेशन के सिलसिले में लखनऊ गई थी।
ट्रेन चूंकि लगभग 4 घण्टे लेट थी। हमने चाय बिस्किट मंगाया और फिर बातों का सिलसिला शुरू हुआ। घर परिवार की औपचारिक बातों के बाद उन्होंने बताया कि वह कविता लिखने में बहुत रुचि रखती हैं। उन्होंने अपनी कई रचनाएं लिखकर रखी हैं। लेकिन किसी को कभी सुनाई नहीं। पति की व्यस्तता, बच्चों की पढ़ाई लिखाई के बीच कभी समय मिलने पर वह लिखती रही हैं। क्योंकिअब बच्चे बड़े हो गए हैं। सेटल हो गए हैं सो अब वह आराम से लिख सकती हैं। मेरे आग्रह पर उन्होंने अपने कुछ रचनाएं मुझे सुनाई। सुनकर मैं दंग रह गई। बहुत ही सुंदर और तथ्य पूर्ण कविताएं थीं। जो कहीं नहीं छपने के कारण सिर्फ उनकी अलमारी में धूल खा रही थीं।
क्योंकि समय बहुत था हमारे पास, मैंने और कविताएं सुनाने का आग्रह किया। वह बोली, “क्या वह इतना अच्छा लिखती हैं?” मैंने बोला, “अच्छा मैडम?? आप गजब लिखती हैं!! और इन कविताओं को दुनिया के सामने आना चाहिए।” वह मेरा हाथ पकड़ कर बोली, “मुझे दीदी बोलो गीता! मुझे तुमसे एक अलग अपनापन मिल रहा है।” वह कुछ तनाव में भी थी अपने अकेलेपन से। इसीलिए बेटी ने उनका टिकट करवा कर पहाड़ों में जाने को बोला था। मैं human resource development की कई क्लासेस अपने संस्थान में करती रहती थी जिसमें तनाव प्रबंधन भी एक विषय था। बस मेरा प्रशिक्षक मन जागृत हो गया। मैंने उनको कुछ बातों की जानकारी दी। Jho – Hari Window का जिक्र भी किया। जो उन्हें बहुत पसंद आया। उन्होंने मुझे वह विंडो ड्रॉ करके समझाने को कहा। Jho – Hari Window personality development का भी एक अच्छा टूल है।
4 घंटे पता नहीं कहां चले गए उनके साथ बातें करते हुए। हल्द्वानी आ गया। मुझे हल्द्वानी रुकना था और उनकी टैक्सी आ चुकी थी रानीखेत जाने के लिए। हमने एक दूसरे का नंबर लिया और फिर उन्होंने मुझसे वादा किया कि वह अपनी कविताएं सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएंगी। हम फिर मिलने का वादा कर अपने-अपने गंतव्य को चले गए। उसके बाद कई बार फोन से बात हुई। वह हमेशा अपने बच्चों के लिए मुझे राय लेती और बोलती कि तुम एक अच्छी काउंसलर हो। तुम्हारी बातें दिल तक जाती हैं और एक नया जोश भर देती हैं।
कुछ दिन बाद फेसबुक में मैंने जब उनकी कविता देखी, खुशी से मेरा मन नाच उठा। बहुत ही अच्छी कविता शेयर की थी उन्होंने। फिर लगातार यह सिलसिला चलता रहा। आज विनीता दी लखनऊ की ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी अपनी कविताओं एवं रचनाओं के माध्यम से जानी जाती हैं। भगवान राम कथा और उन पर कविताएं इतनी सारगर्भित होती हैं कि हृदय की गहराइयों में उतर जाती हैं प्रकृति से जुड़ी, मानव जीवन से जुड़ी, महिलाओं के दर्द को समेटती उनकी कविताएं बहुत ही मर्मस्पर्शी होती हैं। विनीता दी एक अच्छी अदाकारा भी हैं और बहुत ही सुंदर नृत्य जानती हैं। जितना भी समय गुजरता जा रहा है उनकी नई-नई प्रतिभाएं हमारे सामने आती जा रही हैं।
और सबसे बड़ी बात विनीता दी अपनी प्रतिभा को दुनिया तक लाने का श्रेय मुझे भी देती हैं। कला उनके पास थी, पहचाना मैंने और दुनिया को उसका लाभ मिल रहा है। वरना इतनी अच्छी कवियत्री की सुंदर कविताएं अलमारी में ही बंद रह जाती। दी आप खूब तरक्की करो। दुनिया में अपनी कविताओं से लोगों को जागृत करो और हमेशा स्वस्थ रहो, खुश रहो।
Thank you so much Geeta. एक छोटा सा मोड़ जीवन की दिशा को किस तरह बदल देता है, ये सकारात्मक लेख लिखकर आपने न जाने कितने लोगों के जीवन में प्रेरणा, बातचीत, प्रतिभा, आरंभ आदि के समीकरण को सरलता के साथ बता दिया है। बहुत स्नेह, प्यार और आभार।
बहुत धन्यवाद दी. हर इंसान को भगवान ने एक अलग कौशल देकर भेजा है. बस उनको उसके उस कौशल से रूबरू कर दे तो कमाल का हुनर निकल कर आता है जैसे आपका और मेरा मिलना आपके हुनर को दुनिया तक ले आया. आप अब इस हुनर से लोगों को ज्ञान देकर लाभान्वित करना क्योकि आपकी कविताएँ और रंगमंच के प्ले संदेश देते है. बहुत शुभकामनायें.
मैं जब भी विनीता जी से बात करती हूँ, हमउम्र हैं हम दोनों,बहुत ही सकरात्मक अनुभूति होती है और बहुत कुछ नया सीखने को मिलता है.२२ वर्षों से दिल्ली के प्रतिष्ठित विद्यालय में हिंदी पढ़ा रही हूँ, पर्यावरण एवं भारतीय संस्कृति पर कविताएं, लेख, कहानियाँ आदि लिखती हूँ परंतु राम चरितमानस में विशेष रूचि विनीता जी से मिलने के बाद ही विशेष रूप से उत्पन्न हुई।
एकदम सही बात है. विनीता दी कई प्रतिभाओं की धनी hain .
कभी आपसे भी मिलने का मौका मिले तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा.
क्या बात है!👌
आप दोनों को बधाई🙏🏼
धन्यवाद आपको
बेहद रोचक प्रसंग।
Thank ypu so much Ma’am
Authentic interaction का कितना सकारात्मक प्रभाव हो सकता, यह कहानी सहज तरीक़े से सुना रही है । The power of human interaction that can motivate ! A most significant change story. Enjoyed reading it.
Thank you so much Ma’am. Yes Mam interection is tge only way to recongnize the quality of the person.
Sometimes people come into your life as a catalyst 😊 विनीता जी का व्यक्तित्व बहुत आकर्षित करता है, उनसे बहुत कुछ प्रेरणा मैं भी लेती हूं। आप दोनों को ही इस सुंदर लेख के लिए बधाई💐
बहुत धन्यवाद. मुझे भी विनीता दी से मिलकर बहुत अच्छा लगा. बहुत लोग मिलते हैं ज़िंदगी के सफर मे लेकिन कुछ लोग हमेशा दिल मे रहते हैं विनीता दी उनमें से एक हैं.
गीता जी आपने बहुत खूब लिखा है विनीता जी के बारे में, हम तो उनकी कविताओं के फैन तभी से हैं, जब उन्होंने fb पर पोस्ट करना शुरू किया था। लेकिन इस सबके पीछे आपकी प्रेरणा और हौसला अफजाई है, ये आज पता चला❤️❤️👍💕
हाँ जी विनीता दी इसका श्रेय मुझे देती है तो मै खुद को गौरवान्वित महसूस करती हूँ. Ye उनका बड़प्पन है मैम
को आपने प्रार्थना दी. बहुत बहुत बधाई दोनो को।